हाई प्रोफ़ाइल शादियों की निजता भी सार्वजनिक होती है
मंगल-मंगल, मंगल-मंगल, मंगल-मंगल हो। जागे नगर सारे, जागे हैं घर सारे, जागा है अब हर गाँव। पिछले हफ़्ते तो यही आलम था पूरे देश में अभिषेक-ऐश्वर्या की शादी को लेकर। हर किसी ने भरपूर कोशिश की इस शादी को भुनाने की किंतु विनम्र अमिताभ के शांत और चिर-परिचित शिष्टाचारी स्वभाव ने सबको अपनी हदों में रहने पर मजबूर कर दिया। और यह शादी तीन-तीन धार्मिक, और सांस्कृतिक रस्मों से संपूर्ण हो गई। फिर भी जब बॉलीवुड के दिग्गज के घर शादी हो तो, कोई हंगामा तो ज़रुर होगा ही। यही कमी पूरी की हया रिज़वी, उर्फ़ जाह्नवी कपूर ने (इनका तीसरा नाम याद नहीं आ रहा)।
हया ने जब शादी के एक दिन पहले अपने हाथों की नस काट ली तब उसे बिल्कुल हया नहीं आई। और जब टीवी पर उसे उसकी नशीली हालत में दिखाया गया तो उसने मीडिया पर भी उसे ग़लत तरीके से पेश करने का इल्ज़ाम जड़ दिया। फिर भी शादी निरान से हो गई। शादी तो निपट गई फिर क्या था जाह्नवी दो दिन शांत रही और फिर से उसका अभिषेक प्रेम जाग उठा और उसकी मदद करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के लोग भी आगे आए। ज़ाहिर है कि अमिताभ के घर के दो सदस्य राजनीति से जुड़े हैं (जया और अमर सिंह जी) तो राजनीतिज्ञों को भी इस शादी में विशेष रुचि थी। बस मुंबई में एनसीपी के कार्यकर्ता ले गए जाह्नवी को उपमुख्यमंत्री पाटिल साहब से मिलवाने के लिए, जहाँ जाह्नवी तो अभिषेक से प्रेम और शादी का राग अलाप रही थी जो कि एनसीपी के एक कार्यकर्ता को बिल्कुल नहीं भा रहा था, और उन्होंने पीछे से जाह्नवी के कान में अमर सिंह का नाम डाल दिया, ये क्या!!! हया का सुर पूरी तरह बदल गया और अमर सिंह पर एक साथ कई आरोप लग गए। आश्चर्य तो इस बात का है कि जाह्नवी जिस अभिषेक बच्चन से प्रेम करती हैं और एसएमएस से बात होने का दावा करती हैं, उनके पास छोटे बच्चन का कोई नंबर तक नहीं है। ख़ैर संभव है कि वायरलेस पर बात होती होगी हमें क्या?? जाह्नवी का कश्मीर, और लखनऊ से भी वास्ता है किंतु वे इसे नकार रही हैं (नए घर में जाने के लिए पुराने घरों को भूलना चाहती हैं)। अपने पति और बच्चे को भी वे नहीं पहचानती। 1997 में 4:30 बजे पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई आने वाली जाह्नवी उर्फ़ हया को मुंबई में वाकई किसी से हया नहीं आई इसलिए वे इतने सार्वजनिक रूप से नए जोड़े के शुरुआती दिनों को बिगाड़ना चाह रही हैं।
इस शादी का दूसरा मसला इसमें आने वाले आमंत्रित लोग रहे। मीडिया ने निमंत्रित लोगों की सूची जुगाड़ने के प्रयास विफल रहे। भई घरवाले ही पसोपेश में हों तो बात बाहर कैसे जाएगी भला। ऐश्वर्या, रानी को नहीं बुलाना चाहतीं थी, अभिषेक को सलमान और विवेक (या ऋतिक भी) के आने से ऐतराज़ हो सकता था। जया को रेखा का आना पसंद नहीं होता, तो अमर सिंह को शाहरुख की उपस्थिति गवारा न होती। अब इस सबके बीच फँसे थे अमिताभ जो सलमान के बाबूजी और रानी के बाबूल रहे फिर भी घर की शादी में उन्हें न बुला सके। वाकई ये शादी बहुत निजी थी, और किसी को इसके बारे में कुछ नहीं पता है। क्या आपको पता है??? बस यही कहिए मंगल-मंगल, मंगल-मंगल, मंगल-मंगल हो....