गुड़िया...
एक गुड़िया रेशमी बालों वाली,
ऊपर नीचे करने पर,
आँखें मटकाने वाली,
वो जिसका चेहरा हमेशा खिला रहता,
जिसके साथ दिल बहला रहता,
अब कुछ खोई-खोई रहती है,
वो गुड़िया कहीं दिखाई नहीं देती है!
ऊपरवाले ने भी
मुस्कान को सिलकर भेजा था,
हर किसी से यूँ हँसकर मिल जाती,
हँसी के आगे नफ़रत पिघल जाती,
वो निश्छल बच्चों के रूठे मन को
चुटकियों में प्रफ्फुलित करके
उनके संग गुड्डा-गुड्डी के खेल में,
कल्पनाओं की सैर पर निकल जाती!
अब कुछ उलझी-उलझी रहती है,
वो गुड़िया कहीं दिखाई नहीं देती है!!
बचपन वाली उस गुड़िया के,
कड़क होने पर भी
हाथ कहीं, पैर कहीं रहते,
उसकी हरकतें आकर्षित करने वाली,
बेपरवाही और बेफ़िक्री से रहने वाली,
बदलती ऋतुओं के असर से परे वो,
हरदम एक सी रहकर भी
अपने उद्देश्य को पहचान बनाकर
एक गुड़िया का अस्तित्व निभाने वाली,
अब ज़रा व्यथित-कुंठित सी रहती है,
वो गुड़िया कहीं दिखाई नहीं देती है!!!
क्योंकि गुड़िया के साथ सब बदल गया है...
उसके नरम रबर के पीछे माँस चढ़ गया है,
वक्त के साथ अनुभव का काँटा गढ़ गया है,
कई गुड्डे-गुड्डियों के साथ मिलकर,
भैया-दीदी, दोस्त-सहेली, प्रेमी को पाकर
एक परिवार बनाया था उसने, जो बिछड़ गया है,
ज़िंदगी के चुंगल में फँसी गुड़िया,
अब सब रिश्तों से डरती है,
घुट-घुट कर अब वो मरती है,
अब जान गए हैं लोग भी देखो
के आख़िर क्यों???
वो खेलती-मुस्काती, सबको अपना बनाती
अब कुछ उलझी-खोई,
व्यथित-कुंठित सी रहती है
वो गुड़िया कहीं दिखाई नहीं देती है!!!
वो गुड़िया कहीं दिखाई नहीं देती है!!!
~ पंकज
चित्र ~ हमेशा की तरह गूगल महाराज की ओर से...सधन्यवाद!
good bhai ..keep it up ...
ReplyDeleteWow.. One of the best poems I've ever read.. no flaws.. :)
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteUltimate hai yaar :)
ReplyDeleteVery very nice
poem was very good and impressive.......
ReplyDeletemeri achi wali hindi thodi si weak hai
ReplyDeletebut really good one
keep it up :)
nice one.. but i won't say that this is ur best creation.... but yes.. gud effort...
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ReplyDeleteपंकज, बहुत अच्छी रचना!!
ReplyDeletehiiiiii..panku....Good one
ReplyDeletehey pj very sweet accha likha he par mujhe sunne me jyada maza aaya tha usme kavi ki bhavnaye saf jhalak rahi thi!!!!!!!!! Hats off to u
ReplyDeleteye kis pr likhi h yaar...........too good but want to know who is d inspiration...........
ReplyDeleteand the moral of the story is ....gudiya ab budhiya ho gayi haii.................
ReplyDeleteitni si baat par tune puri kavita likh di ............sahi hai boss creativity hai ladke mai.....