Friday, June 1, 2007

ताज की लाज, हम नहीं रखेंगे तो कौन रखेगा




नमस्कार सभी चर्चा प्रेमियो,
चिट्ठाजगत से कुछ दिनों से भूमिगत था इसलिए बहुत दिनों से परिचर्चा" का मुँह नहीं देखा था, तो आँखें थोड़ी दर्द करने लगीं थीं। ख़बर भी लग गई थी कि चिट्ठाजगत में अभी टाँग-खिंचाई और मैं आगे तू पीछे का सिलसिला चल रहा था। लौट कर यह देखा तो बहुत खुशी हुई कि अब बहुत कुछ शांति है। अभी दो-चार दिनों से ''ताज की लाज'' बचाने की कवायद ने बड़ा ज़ोर पकड़ा है और अख़बारों ने अपने पहले पन्ने पर इसे जगह दी है। साइट्स पर इसके विज्ञापन उछल-उछल कर सामने आ रहे हैं। हमने भी दो-तीन बार वोट देकर अपने मोबाइल बैलेंस के आँकड़े घटा लिए (बड़े दिनों से किसी अच्छे काम के लिए बचा रखे थे, अब काम आ गए)। वैसेल तो चार-चार मेल आईडी सँभालना हिम्मत का काम है लेकिन प्रयोग करने के तौर पर ही दो-चार आईडी भी बने थे जो आज वोटिंग में ही उपयोग कर लिए।;)


लगभग एक महीने बाद यानी 07/07/07 को ही विश्व के 07 अजूबों की घोषणा होने वाली है, और चुने गए 21 अजूबों को विश्व के सात आश्चर्यों की इस फ़ेहरिस्त में सबसे ऊपर पहुँचाने का काम भी ज़ोर पकड़ रहा है। हर सरकार करोड़ों डॉलर ख़र्च कर अपने देश की इज़्ज़त बचाने में लगी हुई है, पर हमारे यहाँ तो उत्तर प्रदेश की राजनीति, बीएमडब्ल्यू केस, राजस्थान का गुर्जर आरक्षण, टीम इंडिया का मिला-जुला प्रदर्शन, अमिताभ की ज़मीन, डेरा सच्चा का विरोध आदि बहुत से ज़रूरी काम है। और जैसे ही ये ख़त्म होंगे संभव है कि अपनी भारत सरकार भी ताज की लाज के लिए कुछ सहयोग कर दे (देर सवेर जागे तो...)। यूनेस्को ने ताज को विश्व की अनमोल धरोहर कहा है, और इसकी परवाह हम पर छोड़ दी है। अभी भी समय है, भारतीय भाषा में कहें तो बहुत समय है, वोट करने के लिए। दुनिया में नि:संदेह कई सारे आश्चर्य हैं जो बेमिसाल हैं, पर अपने घर की दाल-रोटी हर किसी को नहीं भाती है, भारतीयों को तो बिल्कुल भी नहीं। हो सकता है यही वजह है कि इस वोटिंग में शामिल दूसरे आश्चर्य ताज से कही आगे पहुँच गए हैं और ताजमहल 07/07/07 तारीख़ की घोषणा के इंतज़ार में 0.7% के साथ बहुत पीछे छुटा हुआ है।:(
अरे बाबा रे!!! बात ताजमहल की करना थी और न जाने क्या-क्या कर दिया। रवींद्र ठाकुर जी ने भी कहा था कि ''ताजमहल, इतिहास के गाल पर दर्द का आँसू है''। हम भी अपनी इस पोस्ट से यही कहना चाहते हैं कि 'अर्जमंद बानो बेगम' मुमताज़ महल की इस कब्र को आँसू न बहाना पड़े और इसकी पहचान बनी रहे एक विश्व आश्चर्य की तरह। बेशक आज ताज कुछ पीला पड़ गया है - उसे कैंसर हो गया है, लेकिन इसकी सुंदरता आज भी वही है तथा प्रेम की मिसाल इ‍ससे बेहतर और दर्शनीय अभी तक और दूसरी कहीं भी नहीं है। अपने चिट्ठाकार बंधुओं से बस यही कहना चाहता हूँ कि - "वोटिंग की साइट" जिसकी लिंक यह है ''http://taj.indiainfo.com/onlineregistration.php हिट करके ताजमहल की वोटिंग बढ़ाएँ और मैं यही उम्मीद पाल सकता हूँ कि आपके चिट्ठे के हिट भी बढ़ते रहें। आगे अब आप लोग ही कहें...



''इसका डिस्कलेमर डालना ज़रूरी नहीं समझता - बस इतना ही कि मैं भारतीय हूँ और प्रेम, स्नेह, सद्भाव के आगे नतमस्क हूँ।''=)

7 comments:

  1. भाई कोशिश की पर साइट खुलता नहीं ।
    घुघूती बासूती

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  2. कर आये वोटिंग. :)

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  3. वोटिंग भी कर दी है भैया...:)

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  4. हम भी अपने मत का प्रयोग कर आए।

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  5. @ घुघूती जी,
    हर अच्छे काम में कुछ रोड़े तो आते ही हैं। हमने भी दो-चार बार प्रयास किए तब जाकर वोट कर पाए। संभवत: इसका सर्वर इसका वज़न नहीं सह पा रहा होगा।
    प्रयास करिए साइट खुल जाएगी।

    @
    समीर जी, सुनीता जी, अभिनव जी,
    धन्यवाद आप सभी को

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  7. हम भी वोट दे आए...

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